तुलसीदास ने अपनी पत्नी रत्नावली के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है - tulaseedaas ne apanee patnee ratnaavalee ke lie kis shabd ka prayog kiya hai
चलिए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि बबूल गोंद क्या है। इसके बाद हम बबूल गोंद के फायदे विस्तार से जानेंगे।
सूप और डेसर्ट मिक्स में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
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बबूल के छाल से बने काढ़ा को छाछ के साथ पिएं। आहार में छाछ का सेवन करने से जलोदर रोग में लाभ होता है।
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आपके शरीर को स्वस्थ रखने के लिए, विभिन्न प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होनी चाहिए। click here तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप बबूल की गोंद का सेवन भी कर सकते हैं। यह खांसी जुकाम इत्यादि को नजदीक नहीं आने देता।
बबूल की कोमल पत्तियों के एक चम्मच रस में थोड़ी-सी हरड़ का चूर्ण या शहद मिलाएं। इसका सेवन करने से पेचिश में फायदा होता है।
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आयुर्वेद के अनुसार कहा गया है कि बबूल के औषधि गुण किसी भी बीमारी को ठीक करने में सहायक है। अगर आप बीमारी में बबूल का सही ढंग से प्रयोग करते हैं तो निःसंदेह ही यह आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
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